- शिवसेना ने हाथरस गैंगरेप की घटना को राज्य के साथ केंद्र की भी नाकामी बताया।
- यूपी में राम मंदिर भूमि पूजन के बाद भी जंगल राज कायम है।
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के हाथरस में गैंगरेप की घटना के बाद योगी सरकार के खिलाफ असंतोष थमने के बजाय गहरा रहा है। योगी सरकार इस मामले में राजनीतिक दलों से घिरी हुई है। इस बीच शिवसेना ने एक बार फिर योगी राज पर हमला बोला है। शिवसेना द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि लगभग 2 महीने पहले अयोध्या में राम मंदिर की पूजा की गई थी। इसके बावजूद, यूपी में जंगल राज कायम है। शिवसेना ने हाथरस मामले को लेकर राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को पत्र भी लिखा है। शिवसेना ने अपने पत्र के माध्यम से पीड़ित परिवार को सीआरपीएफ सुरक्षा प्रदान करने की मांग की है।
यूपी में जंगलराज केंद्र की नाकामी-
दूसरी ओर, शिवसेना के एक नेता ने आरोप लगाया है कि पीड़ित परिवार को बंधक बनाकर रखा गया है। हाथरस के अधिकारी पीड़ित परिवार को खुलकर बोलने और आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दे रहे हैं। शिवसेना ने यूपी में महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार की घटनाओं को केंद्र सरकार की विफलता करार दिया है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में लिखा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर की नींव रखी। लेकिन राम राज्य अभी तक उत्तर प्रदेश में नहीं आया है। कानून और व्यवस्था की दृष्टि से यूपी में जंगल राज के हालात हैं। राज्य में महिलाओं के खिलाफ बलात्कार और हत्या की घटनाएं बढ़ रही हैं।
रातोंरात पुलिस ने अंतिम संस्कार क्यों किया?
सामना के संपादकीय में कहा गया है कि हाथरस में 19 वर्षीय एक लड़की के साथ बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई। पीड़िता ने अपने अंतिम बयान में कहा कि उसके साथ बलात्कार किया गया था। लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार अब कहती है कि उसके साथ बलात्कार नहीं हुआ था। इसके बाद यूपी के बलरामपुर में गैंगरेप की घटनाएं हुईं। इसके बावजूद, न तो दिल्ली में बैठे शासकों ने और न ही योगी आदित्यनाथ सरकार ने कुछ किया। शिवसेना ने योगी सरकार से पूछा है कि अगर महिला के साथ बलात्कार नहीं हुआ था तो यूपी पुलिस ने रात भर उसका अंतिम संस्कार क्यों किया?