- UBS Report के अनुसार Vodafone Idea Liabilities हो गई हैं Assets की कीमतों से भी ज्यादा
- कंपनी को डॉट को License Fees, Spectrum Charges, Interest And Penalties के रूप में चुकाने हैं 54,400 करोड़ रुपए से ज्यादा
नई दिल्ली। जब ब्रिटिश टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन ( Vodafone ) और भारत की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनियों में से एक आइडिया ( Idea ) का मर्जर हुआ था तो किसी को भी इस बात इल्म नहीं था कि मर्जर के बाद बनी नई कंपनी ( Vodafone Idea Limited ) का इतना बुरा हश्र होगा। एक विदेशी ब्रोकरेज फर्म की रिपोर्ट के अनुसार वोडाफोन आइडिया ( Vodafone Idea ) कंपनी के सभी एसेट्स बेच दिए जाएं और कर्ज का रुपया चुकाया जाए तो भी कंपनी 19500 करोड़ रुपए के कर्ज में दबी रहेगी। आपको बता दें कि हाल ही में कंपनी की ओर से अपने तिमाही नतीजे ( Vodafone Idea Q1 Results ) जारी किए हैं। जिसमें कंपनी ने अपने आपको काफी घाटे में दिखाया है। आइए आपको भी बताते हैं कि ब्रोकरेज फर्म की ओर से किन आंकड़ों के साथ अपनी बात को सार्थक करने का प्रयास किया है।
कंपनी का नेटवर्थ नेगेटिव में आया
विदेशी ब्रोकरेज फर्म यूबीएस के अनुसार वोडाफोन आइडिया ने अतिरिक्त एजीआर (समायोजित सकल राजस्व) प्रावधानों को 199 अरब रुपए का आंका है और 255 अरब रुपए का शुद्ध घाटा दिखाया है। जिसकी वजह से कंपनी का नेटवर्थ 195 बिलियन रुपए नेगेटिव में गया है। ब्रोकरेज फर्म यूबीएस ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट में कहा कि इसका मतलब कंपनी की देनदारियां उसकी संपत्ति से अधिक हैं। रिपोर्ट के अनुसार पहली तिमाही में असाधारण लागतों में कुल अनुमानित एजीआर बकाया से संबंधित 19,440 करोड़ रुपए, वन टाइम स्पेक्ट्रम चार्ज के रूप में 123 करोड़ रुपए और मर्जर चार्ज के रूप में 3.70 करोड़ रुपए शामिल थे।
कंपनी एजीआर बोझ काफी बड़ा
सीएलएसए की एक रिपोर्ट के अनुसार वोडाफोन आइडिया का एजीआर बोझ 'बहुत बड़ा' है। यहां तक कि कंपनी को कर्ज चुकाने के लिए 20 साल का कार्यकाल दे दिया जाता है, तो दूरसंचार विभाग के अनुमानों के अनुसार वोडा आइडिया की ईएमआई 30 फीसदी नकद एबिटा होगी, जब कर्ज का बोझ भी 1.15 लाख करोड़ रुपए बढ़ रहा है। सीएलएसए ने कहा कि इस राशि का कुछ 80 फीसदी स्पेक्ट्रम देनदारियों के है, जिसमें दो साल की मोराटोरियम शामिल है।
54 हजार करोड़ रुपए चुकाने की जरुरत है
टेलीकॉम कंपनी को लाइसेंस शुल्क, स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क (एसयूसी), ब्याज और पेनाल्टी के रूप में दूरसंचार विभाग को लगभग 50,400 करोड़ रुपए का भुगतान करने की आवश्यकता है। शीर्ष अदालत ने इस पर अपना आदेश सुरक्षित रखा है कि क्या टेलीकॉम को समय-सीमा में अपने भुगतान को कम करने की अनुमति होगी। इस मामले की सुनवाई 10 अगस्त को होनी है।
कंपनी को 25 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान
हाल ही में वोडाफोन आइडिया ने वित्त वर्ष 2020-21 के पहली तिमाही के नतीजे जारी किए हैं। जिसमें कंपनी को अप्रैल-जून तिमाही में घाटा बढ़कर 25,460 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। सैचुरेटरीज आउट स्टैंडिंग आइटम्स में ज्यादा प्रावधान से कंपनी का घाटा बढ़ा है। एक साल पहले इसी तिमाही में कंपनी को 4,874 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था। कंपनी की ऑपरेटिंग इनकम 2020-21 की पहली तिमाही में घटकर 10,659.3 करोड़ रुपये रही जो एक साल पहले इसी तिमाही में 11,269.9 करोड़ रुपए थी। एजीआर देनदारी के मद में 19,440.5 करोड़ रुपए का अतिरिक्त प्रावधान करना पड़ा।
क्यों हुआ कंपनी को नुकसान
कंपनी की मानें तो कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए लगाए गए 'लॉकडाउन' से पहली तिमाही के नतीजों पर असर देखने को मिला है। वोडाफोन आइडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी रवीन्द्र टक्कर ने के अनुसार वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही काफी चैलेंजिंग रही है। लॉकडाउन के कारण स्टोर बंद होने से फोन रिचार्ज उपलब्धता तथा आर्थिक नरमी से कस्टमर के रिचार्ज कराने की क्षमता पर असर पड़ा है।
आज कंपनी के शेयरों में 7 फीसदी की तेजी
आज कंपनी के शेयरों की बात करें तो उसमें 7 फीसदी से ज्यादा की तेजी देखने को मिली है। आज कंपनी का शेयर 8.83 रुपए पर बंद हुआ। जबकि 7.90 रुपए पर खुला था। जो कारोबारी सत्र के दौरान 8.93 रुपए की उंचाई तक पहुंचा। जबकि कल कंपनी का शेयर 8.25 रुपए पर बंद हुआ था। कंपनी मार्केट कैप की बात करें तो मौजूदा समय में 25373.75 करोड़ रुपए रुपए