यूपी बोर्ड में कक्षा 10 व 12 के बच्चे पहली बार देंगे प्री बोर्ड एग्जाम, पाठ्यक्रम भी 30% घटा

 UP Board: 2021 की बोर्ड परीक्षा में सम्मिलित होने की तैयारी कर रहे 50 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं को अनिवार्य रूप से प्री बोर्ड एग्जाम भी देना होगा। कोरोना काल में ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे बच्चों की तैयारियों परखने के उद्देश्य से सचिव ने शैक्षणिक पंचांग में फरवरी के तीसरे या चौथे सप्ताह में प्री बोर्ड परीक्षा कराने के निर्देश दिए हैं।


सचिव दिव्यकान्त शुक्ल ने शनिवार को मीडिया को बताया कि विभिन्न कक्षाओं में आनलाइन या ऑफलाइन माध्यम से शिक्षण कार्य 31 जनवरी 2021 तक पूर्ण किया जाएगा। उसके बाद प्री बोर्ड परीक्षा (यह कान्सेप्ट प्रथम बार प्रयोग किया जा रहा है) आयोजन फरवरी 2021 के तृतीय एवं चतुर्थ सप्ताह में किया जाएगा। इससे पहले प्री बोर्ड परीक्षा की अनिवार्यता नहीं थी। कुछ स्कूल अपने स्तर पर बोर्ड परीक्षा से पहले बच्चों की तैयारी परखने के लिए परीक्षा कराते थे और उसके आधार पर आवश्यकता पड़ने पर एक्स्ट्रा क्लासेस चलाकर बच्चों की मुकम्मल तैयारी करवाते थे। लेकिन इस बार शैक्षणिक पंचांग में शामिल होने के बाद सभी स्कूलों को प्री बोर्ड परीक्षा कराना पड़ेगा। ये परीक्षा ऑनलाइन होगी या ऑफलाइन ये तो कोरोना महामारी से पैदा होने वाले हालात पर निर्भर करेगा।


कब क्या हुआ?

  • 20 जुलाई को 9 से 12 तक के पाठ्यक्रम को लगभग 30 प्रतिशत संक्षिप्त करते हुए बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड किया गया।
  • 13 अगस्त को शैक्षिक पंचाग एवं शैक्षणिक क्रियाकलाप का माहवार एकेडमिक कैलेन्डर जारी किया गया।
  • 18 अगस्त से विभिन्न कक्षाओं में ऑनलाइन/वर्चुअल स्कूल के माध्यम से शिक्षण कार्य प्रारम्भ।

हर सप्ताह ऑनलाइन पढ़ाई की समीक्षा करेंगे सचिव दिव्यकांत शुक्ल

सचिव यूपी बोर्ड दिव्यकांत शुक्ल हर सप्ताह ऑनलाइन पढ़ाई की समीक्षा करेंगे। वर्चुअल स्कूल एवं ई-ज्ञान गंगा के माध्यम से जनपदों में छात्र-छात्राओं के पठन-पाठन की साप्ताहिक रिपोर्ट समस्त मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक से प्राप्त करना एवं उसके पर्यवेक्षण आदि का दायित्व भी शिक्षा सचिव को दिया गया है। छात्रों के मूल्यांकन के लिए प्रश्न बैंक तैयार करना, छात्रों का मूल्यांकन करना तथा उनके लिए पाठ्य-पुस्तकों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी भी सचिव को दी गई है।

10-12 विद्यालयों पर एक नोडल अफसर करेंगे निगरानी

ऑनलाइन पढ़ाई सुनिश्चित करने के लिए डीआईओएस आरएन विश्वकर्मा ने 10 से 12 स्कूलों पर एक नोडल अफसर की तैनाती की है। जिले के कुल 1057 राजकीय, सहायता प्राप्त एवं वित्तविहीन स्कूलों पर कुल 84 प्रधानाचार्य नोडल अफसर की जिम्मेदारी निभाएंगे। ये प्रधानाचार्य पठन-पाठन की साप्ताहिक समीक्षात्मक रिपोर्ट डीआईओएस को देंगे।

इससे पहले यूपी बोर्ड ने कोरोना संकट को देखते हुए 9वीं से 12वीं तक की कक्षाओं का पाठ्यक्रम लगभग 30 फीसदी तक घटाने का फैसला लिया था। इससे कोरोना से हुए नुकसान की भरपाई की जा सकेगी।

Saquib Khan

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